लक्ष्मी जी की आरती | Laxmi Ji Ki Aarti

हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी कृपा से जीवन में धन-धान्य, शांति और सौभाग्य का वास होता है। लक्ष्मी जी की आरती विशेष रूप से धनतेरस, दिवाली और शुक्रवार के दिन की जाती है। इस आरती को गाने से न केवल आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है।

लक्ष्मी जी की आरती को श्रद्धा और भक्ति से गाना बेहद शुभ माना जाता है। यह आरती माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है। आइए, लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पावन आरती को गाएं और अपने जीवन को प्रकाश और समृद्धि से भर दें।

Laxmi Ji Ki Aarti

🌸लक्ष्मी जी की आरती🌸

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

🌸बोलो लक्ष्मी माता की जय!🌸

आपके जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहे। 🙏

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